Sunday 9 May, 2010

जीव विज्ञान में फेल हो गए थे मेंडल

जी हां जीव विज्ञान की नई शाखा आनुवांशिकी के जनक कहे जाने वाले ग्रिगोर मेंडल जीव विज्ञान में फेल हो गए थे। यह बात है 1850 की, जब मेंडल ने स्थायी शिक्षक बनने के लिए वियना विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक परीक्षा में भाग लिया था। उन्होंने भौतिकी और अन्य विषयों की परीक्षा दी, परंतु वे इसमें फेल हो गए। यह विडंबना ही है कि सबसे कम अंक उन्हें जीव विज्ञान में ही मिले थे।


विज्ञान को एक नई दिशा देने वाले मेंडल का जीवन उथल-पुथल से भरा था। आइए क्रमवार रूप से इस पर नजर डालते हैं-


बहन के दहेज के जुटाए पैसों से की पढ़ाईमेंडल का पूरा जीवन संघर्ष में बीता। उनके पिता किसान थे। स्कूल के दिनों में मेंडल टच्यूशन कर अपने खर्च का इंतजाम करते थे। जब वे कॉलेज जाने के लायक हुए तो दुर्भाग्य से उसी समय उनके पिता की मौत हो गई। उनके परिवार पर संकट का पहाड़ टूट पड़ा। पिता ने अपनी खेती और सारा कारोबार बड़ी बेटी और दामाद को सौंप दिया था। जब मेंडल ने अपनी बहन, बहनोई से मदद मांगी तो उन्होंने मुंह फेर लिया। ऐसे समय में उनकी छोटी बहन तेरेजिया ने अपने दहेज के लिए जुटाए गए धन में से कुछ रुपए देकर मेंडल की मदद की और उन्हें आगे पढ़ने के लिए प्रेरित किया। मेंडल ने उगाए थे तीस हजार से अधिक पौधेसाधारण से दिखने वाले मटर के पौधों पर शोध कर आनुवांशिकी के सिद्धांत देने वाले मेंडल ने अपने शोधकाल में 30,000 से अधिक पौधे उगाए थे। आठ साल तक चलने वाले इस शोध के लिए मेंडल ने सात जोड़ी स्पष्ट भिन्न लक्षणों वाली किस्मों को चुना।

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